दौलत नहीं,
शोहरत नहीं,
ना ही “वाह” चाहिए,
“कैसे हो”
बस दो लफ़्ज़ों की
परवाह चाहिए
…
चंदन की सी
ख़ुशबू
ख़ुशगवार चाहिए
तेरी ओर से
बहने वाली
हवा चाहिए
…
इश्क़ में पूरी
होनी मेरी
चाह चाहिए
ज़्यादा से ज़्यादा “तू”
और कम से कम
“खुदा” चाहिए
…
है सौदा दिलों का,
फिर सिक्का तो
खरा चाहिए
तू ही तू मंजूर
ना कोई तेरी
तरह चाहिए
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Very nice 👌👍
Gbu 😘
Very nice…..awesome
Keep it up
Just awesome!
Sooooo good🔥
Excellent 👏👏👏