और क्यों हूँ मै उत्सव मनाता
खोजते प्रयोजन मेरे उत्साह का
और क्यों हूँ मै गीत गाता
मित्र, है आभाव कारणों का
और रिक्त है तर्क का खाता
तुम दोस्त हो मेरे, है पर्याप्त यही
बस, मै हर्षता और मुस्कुराता!
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Hey Daljeet,
U r a poet also…i didnt know about this…good work n good lines…keep it up..and all the best
Abhinandan ! Mere utsah aur utsav ka ‘Karan Kyon’ aapne bahut acchhe prakar se sambodhit kiya hai! Aapki kavya-pratibhavilas ke liye Haardik Shubh-kamnaye!!!
Dear Daljeet,
I enjoyed reading thru your poems. Keep up the good work & be creative forever!
Cheers,
Nitin
Dear Daljeet,
Wow !
Your talent and versatility is commendable
Congrats on your endeavor and best wishes always
mahesh
lovely poem, although i cannot understand few words..like they are very typical in hindi…. but keep the good work going…
Commendable….keep it up…