स्वागत है!

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कभी कोई परिस्थिति तो कभी कोई घटना, मन की गहराइयों मे अपना स्थायी प्रभाव छोड़ जाती है। कभी कभी इनका प्रवाह मेरे मनोभाव से मिल, काव्य का रूप ले लेता है।

इस ब्लॉग मे मै अपनी कुछ चुनिंदा रचनाओं को अंकित कर रहा हूँ। यदि पढ़ने वालों से प्रोत्साहन मिला तो यह प्रयास मेरी जीवन-धारा का अभिन्न भाग होगा।

आपके सुझावों और टिप्‍पणियों का सदा स्वागत है।

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मेरी रचनाएँ...
प्रवर्द्धित विप्रलंभ
Valentine’s Day – दो टूक!
दुरभिसन्धि
आख़िर क्या चाहिए?
संघर्ष – निष्कर्ष
छल का शिकार
बारिश और अतीत
भय संग्राम
वो चेहरा
सभ्यता की मै कठपुतली
दर्द
कारण क्यों?
नव वर्ष